मुसाफिरनामा - 1
अब सफर तबील नही है अब कुछ देर की राह है
अब ना कोई हसरत बाकी अब ना कोई चाह है
जाते जाते जज्बात ए दिल को
लफ्जो का जामा हो जाये !
आखरी सफर पर निकल पड़ा हूं
मुसाफिरनामा हो जाये !!
© शायर मिजाज
अब ना कोई हसरत बाकी अब ना कोई चाह है
जाते जाते जज्बात ए दिल को
लफ्जो का जामा हो जाये !
आखरी सफर पर निकल पड़ा हूं
मुसाफिरनामा हो जाये !!
© शायर मिजाज