अकेला रह गया तो क्या....
अकेला था अकेला हूँ ,अकेला रह गया तो क्या
नदी के जो किनारे था, वही घर बह गया तो क्या
नहीं आसान होता है, दिलों की बात को कहना
नशे में था कोई पागल, वो सच को कह गया तो क्या
नहीं रूकती हैं ट्रेनें वो, जो के टाईम से चलती हैं
मुसाफिर ही अगर कोई, जो पीछे रह...
नदी के जो किनारे था, वही घर बह गया तो क्या
नहीं आसान होता है, दिलों की बात को कहना
नशे में था कोई पागल, वो सच को कह गया तो क्या
नहीं रूकती हैं ट्रेनें वो, जो के टाईम से चलती हैं
मुसाफिर ही अगर कोई, जो पीछे रह...