"फरक़"
मैं शायर का ख़्वाब बनूं, तुम अर्ज़ सुर्ख बन जाओ,
मुझे सुने हर शख्स यहां, तुम इरश़ाद कहलाओ।
नग़मे हों हम इश्क़ के...
मुझे सुने हर शख्स यहां, तुम इरश़ाद कहलाओ।
नग़मे हों हम इश्क़ के...