कोई दिव्य शक्ति तो है
किसने है यह ब्रह्मांड रचा
धरती जीवन आकाश रचा
सूरज से ऊष्मा प्रकाश रचा
चांद से शीतलता का एहसास रचा
कोई दिव्य शक्ति तो है...
पर्वत सागर नदियां झरने
देव दानव पक्षी जीव जंतु इंसान
उस अद्भुत रचयिता के कार्य महान
दिन रात सुख दुख पाप पुण्य
हंसी खुशी हंसना रोना - क्या कहना
कोई दिव्य शक्ति तो है...
भूख दी तो भोजन भी दिया
प्यास दी तो पानी भी दिया
हवा प्रकृति बसंत पतझड़
खेत गांव शहर जंगल
जो चाहे सबका मंगल
कोई दिव्य...
धरती जीवन आकाश रचा
सूरज से ऊष्मा प्रकाश रचा
चांद से शीतलता का एहसास रचा
कोई दिव्य शक्ति तो है...
पर्वत सागर नदियां झरने
देव दानव पक्षी जीव जंतु इंसान
उस अद्भुत रचयिता के कार्य महान
दिन रात सुख दुख पाप पुण्य
हंसी खुशी हंसना रोना - क्या कहना
कोई दिव्य शक्ति तो है...
भूख दी तो भोजन भी दिया
प्यास दी तो पानी भी दिया
हवा प्रकृति बसंत पतझड़
खेत गांव शहर जंगल
जो चाहे सबका मंगल
कोई दिव्य...