तुम बिन
थोड़ी मुश्किल हुई,मगर
ये ज़हर पी रहा हूँ मैं
हाँ तुम बिन भी
अकेला,जी रहा हूँ मैं
तुम ये मत सोचना की
कैसे गुज़रेगी, तुम बिन
हाँ तुम बिन हूँ अधूरा मगर
मुक़्क़मल, कभी रहा हूँ मैं
ये ज़िन्दगी जो है एक सफ़र
अक्सर यहाँ, अजनबी रहा हूँ मैं
मगर आज, तुम बिन भी
अकेला... जी रहा हूँ मैं
© paras
ये ज़हर पी रहा हूँ मैं
हाँ तुम बिन भी
अकेला,जी रहा हूँ मैं
तुम ये मत सोचना की
कैसे गुज़रेगी, तुम बिन
हाँ तुम बिन हूँ अधूरा मगर
मुक़्क़मल, कभी रहा हूँ मैं
ये ज़िन्दगी जो है एक सफ़र
अक्सर यहाँ, अजनबी रहा हूँ मैं
मगर आज, तुम बिन भी
अकेला... जी रहा हूँ मैं
© paras