...

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मैं निहारूं।
मैं सोये सोये आसमा निहारूं,
कभी बदल कभी तारे निहारूं,
आसमान में तारे सजे अचल कि मोती की तरह
और बादल सजे रुईयाँ की छाप की तरह।
मैं बेठे बेठे बहती नदी निहारूं, ...