जुदाई
कैसे कोई जुदाई का ग़म सहता है
जैसे आंखों में कोई आंसू रहता है
कोई कैसे समझाएं इस दिल को
कि अब इसका इलाज नहीं हो सकता
बस तुम्हारी मोहब्बत में तड़पता रहता है
मैं भी गुमनाम सा हो गया हूं
अनजानी राह में खो गया हूं
मैं किसी भी राह से गुज़रू
बस इक ख़्याल रहता है
ज़िंदगी के हर मोड़ पे
सिर्फ तेरा इंतज़ार रहता है
मेरी सांसों में तेरी ही खूशबू का ख़ुमार रहता है
तेरी मोहब्बत में...
जैसे आंखों में कोई आंसू रहता है
कोई कैसे समझाएं इस दिल को
कि अब इसका इलाज नहीं हो सकता
बस तुम्हारी मोहब्बत में तड़पता रहता है
मैं भी गुमनाम सा हो गया हूं
अनजानी राह में खो गया हूं
मैं किसी भी राह से गुज़रू
बस इक ख़्याल रहता है
ज़िंदगी के हर मोड़ पे
सिर्फ तेरा इंतज़ार रहता है
मेरी सांसों में तेरी ही खूशबू का ख़ुमार रहता है
तेरी मोहब्बत में...