...

5 views

मेरी हस्ती और तेरा इश्क
तेरा वसाल(मिलन) पाने की चाह में,

मेरा वजूद गुम सा गया है।

हिज्र का लहू टिप टिप करता मेरी आँंखो से टपक कर,

मेरी हस्ती को छू कर गया है।


ना अब वो पहली सी हंँसी है,

ना मुसर्त(ख़ुशी) के फूल इन लबों पर खिला करते हैं,

तेरे गाँव तक फिर भी मेरे शहर...