एतिमाद
एतिमाद
अब वो आलम कहाँ किसी पे एतिमाद किया जाये यारो,
अपने ही लोग बड़ी आसानी से रिश्तो को भूल जाते है।
आज बेटा भी अपने ही बाप को हक़ीर जानता है,
बहु सास को अदालत के कटघरे में खींच ले आती है।
हाकिम...
अब वो आलम कहाँ किसी पे एतिमाद किया जाये यारो,
अपने ही लोग बड़ी आसानी से रिश्तो को भूल जाते है।
आज बेटा भी अपने ही बाप को हक़ीर जानता है,
बहु सास को अदालत के कटघरे में खींच ले आती है।
हाकिम...