...

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कटती नही थी जिनकी दिन...
कटती नही थी जिनकी दिन और राते..
वो अब छोड़ दिये हमसे करना ही बातें..
कहते है वो अब भूल जाओ मुलाकाते..
बहुत हो चुकी तुमसे इश्क और शरारते ..
लगाया था दिल कभी अब बहुत शरमाते ..
उनकी अदा निराली और करामातें..
बातो बातो में अब पहेली ही बुझाते ...
छोड़ कर तन्हा मुझे कही और दिल लगाते..
कैसी थी उनकी प्रेम कहानी ..
लगती है अब जैसे पुरानी पुरानी..
इश्क को खेल समझ बैठे है
करते है अब वो नादानी ..
दिल से खेल बैठे अब दिल ही तोड़ जाते ..
कटती नही जिनकी दिन और राते।।।।