MOHABBAT AUR DUA
उनसे मुहब्बतो में वफ़ा मांगते हुए
हम बुझ रहें हैं मेरे ख़ुदा मांगते हुए
दिन रात बे क़रारी में थोड़े सुकून की
जाएगी अब तो जान दुआ मांगते हुए
ये क्या हुआ के सब के अदु बन गए हैं हम
बस अपनी दोस्ती का सिला...
हम बुझ रहें हैं मेरे ख़ुदा मांगते हुए
दिन रात बे क़रारी में थोड़े सुकून की
जाएगी अब तो जान दुआ मांगते हुए
ये क्या हुआ के सब के अदु बन गए हैं हम
बस अपनी दोस्ती का सिला...