लड़के,.......खड़े रहे
लड़के......
हमेशा खड़े रहे,
खड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रही बस।
उन्हें कहा गया हर बार,
चलो तुम तो लड़के हो,
खड़े हो जाओ।
छोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहे,
बस में, ट्रेन में, कक्षा के बाहर।
स्कूल विदाई पर जब ली गई ग्रुप फोटो,
लड़कियाँ हमेशा आगे बैठीं और लड़के बगल में हाथ दिए,
पीछे खड़े रहे।
वे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं,
बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे,
मंडप के बाहर।
बारात का स्वागत करने के लिए,
खड़े रहे रात...
हमेशा खड़े रहे,
खड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रही बस।
उन्हें कहा गया हर बार,
चलो तुम तो लड़के हो,
खड़े हो जाओ।
छोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहे,
बस में, ट्रेन में, कक्षा के बाहर।
स्कूल विदाई पर जब ली गई ग्रुप फोटो,
लड़कियाँ हमेशा आगे बैठीं और लड़के बगल में हाथ दिए,
पीछे खड़े रहे।
वे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं,
बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे,
मंडप के बाहर।
बारात का स्वागत करने के लिए,
खड़े रहे रात...