...

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तेरी यादों के फूल
जहाॅं पर तेरी यादों के फूलों से इश्क़ की हमने नज़र उतारी थी
क्या खूबसूरत पल था वो जब तेरी आगोश में थकन उतारी थी

कितना पागल था मेरा भी दिल बस तेरी एक झलक पाने को
कितने दिन रात तन्हा ही जागा था मैं कितनी बे-करारी थी

नज़र भर देखा था जब मैंने उस दिन तुझको ऐ हम-दम
छाई मुझ पर वो जाने कैसी अलग सी खुमारी थी

सुबुक-खिराम चला मैं और फिर कभी कहीं ठहरा ही रहा
कि मेरे अपने ही साए से हो चुकी जंग जो जारी थी

जब तुझे छोड़ दिया तो ये अंदेशा मुझ को हुआ था
अब समझ आया "हिना" तू मोहब्बत थी जो मुझे इतनी प्यारी थी
© Hina