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छात्र जीवन 📚
याद आता है मुझे अपना छात्र जीवन
जिसकी स्मृतियां भूला नहीं मेरा मन,
पढ़ाई के साथ खेल कूद भी ख़ूब होता था
बाकि किसी चीज़ का ग़म नहीं रहता था,
अच्छे अंक पाकर पास होते तो मिलता प्यार
वरना अच्छे से पड़ती थी मम्मी पापा की डांट,
जब पुराना विद्यालय छोड़ नए में जाना पड़ गया
तब मित्रों के साथ आँसुओं का सैलाब उमड़ गया,
वक्त अपनी तेज़ गति से बहुत आगे निकलता गया
छात्र जीवन धीरे धीरे से पीछे छुटता ही चला गया।
© विभा जैन
जिसकी स्मृतियां भूला नहीं मेरा मन,
पढ़ाई के साथ खेल कूद भी ख़ूब होता था
बाकि किसी चीज़ का ग़म नहीं रहता था,
अच्छे अंक पाकर पास होते तो मिलता प्यार
वरना अच्छे से पड़ती थी मम्मी पापा की डांट,
जब पुराना विद्यालय छोड़ नए में जाना पड़ गया
तब मित्रों के साथ आँसुओं का सैलाब उमड़ गया,
वक्त अपनी तेज़ गति से बहुत आगे निकलता गया
छात्र जीवन धीरे धीरे से पीछे छुटता ही चला गया।
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