दो बांते.....
चुप्पी साधें, बंद होठों की भी,
एक आंधी सी, जुबान होती है......
अनकहे लफ्जो की, कोई कहानी,
कभी नजरों से, बयां हो जाती है.......
कभी कोई शांत से, चेहरे पर एक क्षण,
अंदर के तूफान की, झलक दिख जाती है
कभी खुशी भरे, सच्चे नकाब के पिछे,
बस कर्तव्यदक्ष, बेजान पहचान होती है.....
तो कभी मासूम से, भोलेभाले इन्सान में,
एक बेखौफ निधड, शक्सियत छिपी होती है
ऐसे कई किस्से है,और अनगिनत कहानियां,
फर दो बाते याद रखो,तो जिंदगी कट जाती है.......
हमें जो दिखता है, वो दुसरों को भी दिखें,
ये कभी जिवन में, पूरा सच नही होता......
और दुसरें जो भी करें, चाहे सही या गलत,
उसपर हमारा कभी भी, कोई बस नहीं होता......
© PradnyaBhide
एक आंधी सी, जुबान होती है......
अनकहे लफ्जो की, कोई कहानी,
कभी नजरों से, बयां हो जाती है.......
कभी कोई शांत से, चेहरे पर एक क्षण,
अंदर के तूफान की, झलक दिख जाती है
कभी खुशी भरे, सच्चे नकाब के पिछे,
बस कर्तव्यदक्ष, बेजान पहचान होती है.....
तो कभी मासूम से, भोलेभाले इन्सान में,
एक बेखौफ निधड, शक्सियत छिपी होती है
ऐसे कई किस्से है,और अनगिनत कहानियां,
फर दो बाते याद रखो,तो जिंदगी कट जाती है.......
हमें जो दिखता है, वो दुसरों को भी दिखें,
ये कभी जिवन में, पूरा सच नही होता......
और दुसरें जो भी करें, चाहे सही या गलत,
उसपर हमारा कभी भी, कोई बस नहीं होता......
© PradnyaBhide