...

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तेरी तलाश

जिंदगी बता तेरा फलसफा क्या है,
थक गया हुँ तेरी वज़ूद कि तलाश में,
तू एक पल ग़म से,
तो दूसरे पल खुशियो से मिलती हैं,
तेरा अब तक खेल समझ ना पाया हुँ,
कहीं एक पल में साथ छोड़ेगी,
या कुछ दुर का तेरा साथ होगा,
समझ नहीं आता,
अपनों का कितने दुर का साथ होगा,
आज तक उलझ कर रह गया हुँ,
जिंदगी तेरे बनाए सवाल में,
अब तो बता दे जिंदगी बता तेरा फलसफा क्या है,
थक गया हुँ तेरी वज़ूद कि तलाश में.

© abhay chaturvedi
#lifepoems #Kavita