...

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बेटियाँ

उसके जन्म लेते हीं
हम कुछ गुमसुम से थे
पिता को चिंता थी वंश-वृक्ष की और मुझे अपनी खास्ता हालत की
माँ बेटियों के बारे में
कुछ इस अंदाज में कहा करती थी
जैसे गालिब कहा करते थे-
दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है
कुछ घीसे शब्दों को वह सामने कर देती
खासकर उन क्षणों में
जब मैं अवसाद...