हमसे गलती हुई सर... हमें माफ करना 🙏
हम तो बूंद थे जिसे समंदर बना दिया,
रास्ते की मिट्टी से घर बना दिया...
वह कुम्हार की मार थी, जिसे हम पिटाई समझ बैठे थे...
हमारे शब्दों कि आलोचना को,
अपने दिल से साफ करना...
हमसे गलती हुई सर...
हमें माफ करना...
इस लड़खड़ाती जुबान को,
शब्दों का ज्ञान कराया आपने...
जमीन पर पड़ी पतंग को गगन दिखाया आपने...
हम नहीं जानते थे की आप एक अच्छे पतंग बाज है,
मुझे ढील पर उड़ाया आपने, मुझे...
रास्ते की मिट्टी से घर बना दिया...
वह कुम्हार की मार थी, जिसे हम पिटाई समझ बैठे थे...
हमारे शब्दों कि आलोचना को,
अपने दिल से साफ करना...
हमसे गलती हुई सर...
हमें माफ करना...
इस लड़खड़ाती जुबान को,
शब्दों का ज्ञान कराया आपने...
जमीन पर पड़ी पतंग को गगन दिखाया आपने...
हम नहीं जानते थे की आप एक अच्छे पतंग बाज है,
मुझे ढील पर उड़ाया आपने, मुझे...