:- रेप की सजा फांसी
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नोच रहे थे जब
वो दरिंदे उसका बदन
हाथ नहीं कांपे सुन
उसका करुण कृंदन
फांसी की सजा है ऐसे
दरिंदों के लिए बहुत कम
मिले इतनी आसानी से
मृत्यु इतने अच्छे
नहीं इनके करम
करे जो नारी की
अस्मिता भंग
करो उसको अंग भंग
है इन्हे अपनी
मर्दानगी पर घमंड
फांसी की सजा
होगी इनके लिए
बहुत ही कम
मांगने से भी ना
मिले इन्हे मृत्यु
इतने वीभत्स है
इनके करम
आए दिन हो रही
नारी की अस्मिता तार तार
चुप्पी साधे बैठी है
ये सारी...
नोच रहे थे जब
वो दरिंदे उसका बदन
हाथ नहीं कांपे सुन
उसका करुण कृंदन
फांसी की सजा है ऐसे
दरिंदों के लिए बहुत कम
मिले इतनी आसानी से
मृत्यु इतने अच्छे
नहीं इनके करम
करे जो नारी की
अस्मिता भंग
करो उसको अंग भंग
है इन्हे अपनी
मर्दानगी पर घमंड
फांसी की सजा
होगी इनके लिए
बहुत ही कम
मांगने से भी ना
मिले इन्हे मृत्यु
इतने वीभत्स है
इनके करम
आए दिन हो रही
नारी की अस्मिता तार तार
चुप्पी साधे बैठी है
ये सारी...