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:- रेप की सजा फांसी
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नोच रहे थे जब
वो दरिंदे उसका बदन
हाथ नहीं कांपे सुन
उसका करुण कृंदन
फांसी की सजा है ऐसे
दरिंदों के लिए बहुत कम
मिले इतनी आसानी से
मृत्यु इतने अच्छे
नहीं इनके करम
करे जो नारी की
अस्मिता भंग
करो उसको अंग भंग
है इन्हे अपनी
मर्दानगी पर घमंड
फांसी की सजा
होगी इनके लिए
बहुत ही कम
मांगने से भी ना
मिले इन्हे मृत्यु
इतने वीभत्स है
इनके करम
आए दिन हो रही
नारी की अस्मिता तार तार
चुप्पी साधे बैठी है
ये सारी सरकार
सबको है बस अपनी
कुर्सी की चिंता
संसद में बैठी महिला
नेताओ की चुप्पी
कर रही शर्मिंदा
क्यों नहीं उठाए
गए अभी तक ठोस कदम
फांसी की सजा
दरिंदों के लिए है बहुत कम
जाग उठो जनता
ये सरकार नहीं देगी
हमारी बहू बेटियो
को सुरक्षा
कब तक जलाओगे
तुम सब मोमबत्ती
क्या किसी बेटी की
अस्मिता है इतनी सस्ती
अपनी आवाज उठाओ
सत्ता के लोभियों को
सबक सिखलाओ
अपनी बेटियो को
वहशी दरिंदों से बचाओ
अपने बेटो को सही
संस्कार बचपन से सिखाओ
एक मर्द की असली पहचान
करे वो सम्पूर्ण नारी जाति
का सम्मान
मर्द वो नहीं जो करे
नारी की अस्मिता भंग
फांसी की सजा है ऐसे
दरिंदों के लिए बहुत कम
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अपर्णा तिवारी
उत्तर प्रदेश
© Ek Baat Bolu( अपर्णा तिवारी)