बेटी की विदाई
बेटी की विदाई ....
ये न समझो जुदा हो रही हूँ
मैं हूँ बेटी बहु बन रही हूँ
हाँ तेरी हू-ब-हू बन रही हूं,,
रीतियों के चलन चल रही हूं
हां माँ ! बिछिया पहन चल रही हूँ
नाक नथिया पहन चल रही हूँ
माँ ! क्या सच मे ? दुल्हन बन रही हूँ,,
थाम दामन सजन चल रही हूँ
झुमके कंगना पहन चल रही हूं
माँ ! थाम मुझको किधर जा रही...
ये न समझो जुदा हो रही हूँ
मैं हूँ बेटी बहु बन रही हूँ
हाँ तेरी हू-ब-हू बन रही हूं,,
रीतियों के चलन चल रही हूं
हां माँ ! बिछिया पहन चल रही हूँ
नाक नथिया पहन चल रही हूँ
माँ ! क्या सच मे ? दुल्हन बन रही हूँ,,
थाम दामन सजन चल रही हूँ
झुमके कंगना पहन चल रही हूं
माँ ! थाम मुझको किधर जा रही...