विद्यालय की खट्टी-मीठी यादें
हम अलग हो जाएँ तो क्या अज्ञात नहीं हो जाएँगे।
महकेंगे एक दूसरे के दिल रुपी आँगन...
महकेंगे एक दूसरे के दिल रुपी आँगन...