खामोशी
मन की कोमल सी किताब में हजारों शब्द छुपाए रखती है खामोशी,
बिना कुछ कहे हर बात कह जाती है खामोशी,
उठती हुई ऊंची लहरें थम सी जाती है थम सा जाता है सफर जो बातें उलझी थी कभी भीड़ में उन बातों को सुलझा जाती है...
बिना कुछ कहे हर बात कह जाती है खामोशी,
उठती हुई ऊंची लहरें थम सी जाती है थम सा जाता है सफर जो बातें उलझी थी कभी भीड़ में उन बातों को सुलझा जाती है...