...

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माँ
1.
अभयदान की मूरत हो माँ
देती नित सबको छाया
वृक्ष तना युक्त निर्मित हो माँ
जाने तुममे कैसी माया।
2.
कुदरत ने बनाया तुमको
सोच बिचार और मेहनत से
इतनी नाजुक इतनी कोमल
नहीं हारती तुम किसी से।
3.
खुशियों की हो बाग तुम
बागवान है तेरी काया
सौन्दर्य हो तुम प्रकृति की
एहसास तम्हें है मेरी साया
4.
आँचल तेरी सृष्टि सम्भाले
आंखों में हैं भाव भरा
तेरी गोद में बैठकर
लगे सृष्टि जैसे धरा।
5.
छनी चांद की चांदनी
बिखरी सुर्य की धूप
देखो तो दिख जायेगा
पत्थर में भी माँ का रूप।
6.
आसमां जमी ने भी
देखा एक स्वरुप
माँ के आगे देवता
हो गये सारे चुप।
7.
द्वार जिन्दगी के बन्द हुआ
दुनिया हुई तनाव
तेरे आ जाने से माँ
मिली जग की छाँव।


© ~♡Purnima♤