मैं क्यूं बदल रही हूं
मैं क्यूं बदल रही हूं
अपनी फितरत छोड़
तेरे रंग में ढल रही हूं
मैं क्यूं बदल रही हूं।
तूने तो मेरी अच्छाई को रौंदा
मैं चुप रही ...
अपनी फितरत छोड़
तेरे रंग में ढल रही हूं
मैं क्यूं बदल रही हूं।
तूने तो मेरी अच्छाई को रौंदा
मैं चुप रही ...