...

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तुम रुकते क्या?

तुम्हे रोकने के कितने जतन किए

तुम्हे यकीन नहीं होगा
की मैने कई बार
बादलों से
बरसने की दुआ मांगी

मुझे लगता था
की बरसात रोक पाएगी तुम्हे

मैं कितनी पागल थी ना

शायद स्त्रियां ऐसे ही
हो जाती हैं पागल
प्यार में

जैसे मैं थी

जिसे मेरे...