...

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अधूरा इश्क
दर्द मुकम्मल मिल जाता है
जब इश्क अधूरा रह जाता है

ले जाओ इसे छुपा दो कहीं
ये चांद उसकी याद दिलाता है

साथ भी है और साथ भी नहीं
एक ऐसी कशमकश दे जाता है

कोई पीर तो कोई फकीर हुआ
इश्क कहां सबको रास आता है

ए दिल चल अब कहीं और चलें
यहां हर शय में वो नजर आता है