कसम से
हा कसम से तुम याद आते हो,
आंखो मे नमी बनके मेरे गालों को आज भी छू जाते हो
बारिश की बूंदे बनके मुझे गले लगाते हो
महसूस तुम्हें करती हु जब हवा के झोके मेरी जुल्फो में उलझते है तुम्हारी अहमियत समझ आती है जब अपने रिश्ते रंग बदलते है,
मैं क्या कहूं है अल्फाज नही मैं कैसे रहु जो तू...
आंखो मे नमी बनके मेरे गालों को आज भी छू जाते हो
बारिश की बूंदे बनके मुझे गले लगाते हो
महसूस तुम्हें करती हु जब हवा के झोके मेरी जुल्फो में उलझते है तुम्हारी अहमियत समझ आती है जब अपने रिश्ते रंग बदलते है,
मैं क्या कहूं है अल्फाज नही मैं कैसे रहु जो तू...