...

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जो तुमने भेजी थी...
मुसीबतें अपने आप नहीं आई,
चल कर मेरे घर तक।
मैंने गूगल मैप पर खुद अपनी,
लोकेशन भेजी थी।

तुमने जाते वक्त कहा था,
दिन ढलते ही लौट आऊंगी।
मैंने सालों तक, हर शाम,
'उबेर', स्टेशन भेजी थी।

हम दोनों ने एक दूजे को,
अब तक जीतने गिफ्ट दिए,
तुमने जब भी पत्थर भेजें,
मैंने रेशम भेजी थी।

तुमने मुझको सावन में,
पतझड़ के हवाले कर डाला।
मैंने जून के मौसम में भी,
याद है ? शबनम भेजी थी।

तुम्हे गिला है तुमने मुझको,
हद से ज्यादा चाहा था।
मैंने क्या बदले में चाहत,
कुछ कम भेजी थी।

यह सच है मैने ही कहा था,
साथ निभाना मुश्किल है।
उसका भी बता जो तुमने,
आखिरी चिट्ठी भेजी थी।

तुम में फैशन सेंस नहीं छगन,
मुझसे यार कहा करते थे।
तुमने अनजाने में ही सही पर,
गिफ्ट में फैशन भेजी थी।
© छगन सिंह