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भोलापन
"संसार एक ऐसा मोह - माया जाल ,
जहाँ पर लोगों की कुछ निराली है चाल।
इसमें कुछ होते है झूठ तो कुछ स्वार्थी,
पहचानो तुम कौन है आपके जीवन का सारथी।

दुख के बाद सुख और सुख के बाद पुनः दुख यही तो है जीवन का दूसरा नाम,
अन्यथा भुल जाओगे क्या करना है काम।

भोलापन बूरा नहीं,
स्वास्थ्य के लिये है यह सही।
भोले का दूसरा नाम भुल जाना है,
अपितु भोलेनाथ भी है।

भोले तथा सरल व्यक्ति को समाज
देता है मूर्खता का पुरस्कार,
नहीं जानते है कि यही तो
है एक अनोखा आविष्कार ।

सुख - समाधान ,आत्मविश्वास से भरा
जिनका मन
रहता है सदैव आनंदी उसका तन।
भोले हमेशा भुल जाते है,
चाहे वह समाज के कटु शब्द ही क्यो ना हो,
हँसकर,मुस्कुराकर बाँटते हैं सबको प्यार,
क्योंकि जानते हैं वह, यही तो है जीवन का अद्भुत आधार। "


प्रतिभा पाटील