~~Hamari khata~~
हमने इजहार ए मोहब्बत कभी किया ही नहीं,
अपनी तन्हाई में आपका नाम लिया ही नहीं
आप कैसे कह सकते हो हमे भी मोहब्बत है,
जब आपने ही हमारा ख्याल किया ही नहीं,
हमें बस बहाना चाहिए दिल लगाने का,
इश्क नहीं सफर ए दोस्ती निभाने का,
अब हमारी बातों से मोहब्बत झलकती है,
इसमें क्या कसूर इस दिल दीवाने का।
© ❣️labbu.💕
अपनी तन्हाई में आपका नाम लिया ही नहीं
आप कैसे कह सकते हो हमे भी मोहब्बत है,
जब आपने ही हमारा ख्याल किया ही नहीं,
हमें बस बहाना चाहिए दिल लगाने का,
इश्क नहीं सफर ए दोस्ती निभाने का,
अब हमारी बातों से मोहब्बत झलकती है,
इसमें क्या कसूर इस दिल दीवाने का।
© ❣️labbu.💕