बेपरवाह इश्क़
बहुत परवाह था तुम्हें ज़माने के
बदनामियों की, इसलिए तुमसे हो गई हूं मैं दूर।
मेरे बेपरवाह इश्क़ ग़ज़ल बनकर,
आज मोहब्बत के गलियों में हो गई है मशहूर ।
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बदनामियों की, इसलिए तुमसे हो गई हूं मैं दूर।
मेरे बेपरवाह इश्क़ ग़ज़ल बनकर,
आज मोहब्बत के गलियों में हो गई है मशहूर ।
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