यादें
कभी दिल में तो कभी तेरी नजर में रहे,
हम तो ताउम्र बस इसी सफर में रहे,
तू तो जालिम चल दिया लफ्जो के नश्तर छोड़कर,
तेरी जफाओं के निशान देर तक मंजर में रहे,
ऐक दिन रूह जिस्म को छोड़...
हम तो ताउम्र बस इसी सफर में रहे,
तू तो जालिम चल दिया लफ्जो के नश्तर छोड़कर,
तेरी जफाओं के निशान देर तक मंजर में रहे,
ऐक दिन रूह जिस्म को छोड़...