...

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नारी🍁
मैं नारी हूं, स्त्री हूं मैं।
कभी अपनों से मारी गई, कभी परायो से।

कभी कभी मारा गया अजनबी से सायो में।
कभी कभी तंग करते मुझे चलती राहों में।

कभी सहि मेंने ज़माने की वेदना सारी।
कभी कभी अफसोस करूं कि फिर मैं क्यूं हूं "नारी"।

हर नित्य नये दिन तड़पी मैं।
कभी जाने में ,कभी...