...

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दास्ताने-ऐ-इश्क़
अगर बात होती दास्ताने-ऐ-इश्क़ बयां करने की,
तो हमे बयां करते करते हमारी जिंदगी बित जाती।

अभी तुम कहोगे अभी तो तुम्हारी जिन्दगी उतनी बिती ही नहीं,
तो कैसे बयां करते करते जिंदगी बीत जाएगी?

तो तुम ये बताओ की-

हम दास्ताने-ऐ-इश्क़ में हर क्षण पूरी जिंदगी जिए,
तो सिर्फ एक जिंदगी, बयां करने को कैसे काफी होगी?

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