जिंदगी का सबब
क्या होगा सबब जिंदगी का
ये सोच लिया है।
डूबती हुई जिंदगी सँवर लेना है,
आँसू आए तो रोक लेना है।
रोते-रोते कभी हँस भी लेना है,
गिरते हुए आँसू आँखो में ही समा लेना है।
आए मुसीबत कोई तो दो हाथ करना है,
लड़ते हुए भी ख्वाब हमें साथ रखना है।
ख्वाब है जिंदगी बदलने का,
शालीनता से सपने सच करने का।
सच्चाई का साथ पाकर आसमान छूना है,
क्या होगा जिंदगी का सबब ये सोच लिया है।
आँखो में बसा सपना एक दिन करवट लेगा, जो लिखा है नसीब में,उसे कौन चुरा पाएगा।
किस्मत से ना ज्यादा ,ना कम कोई ले पाया,
जो तकदीर में है ,वह कोई नही बदल पाया।
क्या होगा सबब जिंदगी का
ये सोच लिया है ।
ये सोच लिया है।
डूबती हुई जिंदगी सँवर लेना है,
आँसू आए तो रोक लेना है।
रोते-रोते कभी हँस भी लेना है,
गिरते हुए आँसू आँखो में ही समा लेना है।
आए मुसीबत कोई तो दो हाथ करना है,
लड़ते हुए भी ख्वाब हमें साथ रखना है।
ख्वाब है जिंदगी बदलने का,
शालीनता से सपने सच करने का।
सच्चाई का साथ पाकर आसमान छूना है,
क्या होगा जिंदगी का सबब ये सोच लिया है।
आँखो में बसा सपना एक दिन करवट लेगा, जो लिखा है नसीब में,उसे कौन चुरा पाएगा।
किस्मत से ना ज्यादा ,ना कम कोई ले पाया,
जो तकदीर में है ,वह कोई नही बदल पाया।
क्या होगा सबब जिंदगी का
ये सोच लिया है ।