जिंदगी का सबब
क्या होगा सबब जिंदगी का
ये सोच लिया है।
डूबती हुई जिंदगी सँवर लेना है,
आँसू आए तो रोक लेना है।
रोते-रोते कभी हँस भी लेना है,
गिरते हुए आँसू आँखो में ही समा लेना है।
आए मुसीबत कोई तो दो हाथ करना है,
लड़ते हुए भी ख्वाब...
ये सोच लिया है।
डूबती हुई जिंदगी सँवर लेना है,
आँसू आए तो रोक लेना है।
रोते-रोते कभी हँस भी लेना है,
गिरते हुए आँसू आँखो में ही समा लेना है।
आए मुसीबत कोई तो दो हाथ करना है,
लड़ते हुए भी ख्वाब...