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कलम से


कलम से

रातें बीतीं, बातों के इंतज़ार पर
बेहिस रहा मैं, तू बस प्यार कर

हार कर, तेरी हल्की मुस्कान पर हाजिर है सब, तू बस अरमान कर

रहबर मैं, आज खोया तेरी राह पर
ये जुल्म खुदा, तू बस कमाल कर

नफीस मैं, कब्जा तेरा हर क़ल्ब पर मुक़द्दर ने मिलाया, तू बस यकीं कर ©gitenkandhol