अधरन से बोलत नाहीं "
" अधरन से बोलत नाहि, अंखियन से मुस्काय यशोदा तेरो लालना, सम्मुख चित्त चुराए
सम्मुख चित्त चुराए, नैकहूँ डरपत नाहीं ओट धरे बांसुरिया की, अधरन से बोलत नाहीं "
"बांसुरिया जिय की धनी, मोहन संग सुहाय दिवस-रात्रि आठों पहर, मीठी तान सुनाय
मीठी तान सुनाय हाए! बिना बात सौतन बनी जियरा जल-भुन जाय, ई बांसुरिया जिय की धनी !"
"मथुरा...
सम्मुख चित्त चुराए, नैकहूँ डरपत नाहीं ओट धरे बांसुरिया की, अधरन से बोलत नाहीं "
"बांसुरिया जिय की धनी, मोहन संग सुहाय दिवस-रात्रि आठों पहर, मीठी तान सुनाय
मीठी तान सुनाय हाए! बिना बात सौतन बनी जियरा जल-भुन जाय, ई बांसुरिया जिय की धनी !"
"मथुरा...