Broken
टूटी हुवी कस्ती से मंजिल कभी नही मिलती,
ये सोच के कूद जाऊ दरिया में ये भी मुनासिफ नही है,
एक सहारा है कस्ती का जो...
ये सोच के कूद जाऊ दरिया में ये भी मुनासिफ नही है,
एक सहारा है कस्ती का जो...