मेरी छाया ;मेरी दोस्त
#छाया की कहानी
पहली बार जब बचपन आया,
पीठ पीछे खड़ी थी मेरी छाया,
जब मैं चलता था चल देती ,
रुकता था तो ठहर जाती,
हर जगह मेरे साथ रहती,
अंधेरों...
पहली बार जब बचपन आया,
पीठ पीछे खड़ी थी मेरी छाया,
जब मैं चलता था चल देती ,
रुकता था तो ठहर जाती,
हर जगह मेरे साथ रहती,
अंधेरों...