खुशियां होती तो बांट देता
खुशियां होती तो बांट देता
सह लूंगा इनको, ग़म ही तो है
सिर्फ तन्हाई और एक रुमाल चाहिए
फिर से पोंछ लूंगा, आंखें नम ही तो हैं
थोड़ा बहकूँगा, शायद गिर भी जाऊं
पर सम्हाल लूंगा इनको
ये लड़खड़ाते कदम ही तो हैं
टूट तो गया पर...
सह लूंगा इनको, ग़म ही तो है
सिर्फ तन्हाई और एक रुमाल चाहिए
फिर से पोंछ लूंगा, आंखें नम ही तो हैं
थोड़ा बहकूँगा, शायद गिर भी जाऊं
पर सम्हाल लूंगा इनको
ये लड़खड़ाते कदम ही तो हैं
टूट तो गया पर...