...

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कुदरत के हर रंग अनोखे।
कुदरत के हर रंग अनोखे।
मैने भी इस रंग को देखे ।
पल में बादल पल में धूप ।
वर्षा ,बर्फ या फिर हो सूखा।
कुदरत का हर रंग अनोखा ।

कहीं धूप कहीं है छाव ।
कहीं शहर तो कहीं है गांव।
पहाड़ों पे है सूखा।
रेगिस्तान में झरना फूटा ।
ये भी तो इक् रंग अनूठा।

बिन मौसम बरसात है आई ।
मार्च में ये केसी गरमाई।
जून में बर्फ कहीं गिरता ।
सावन में सूखा क्यों परता ।
अजब रंग है अजब झरोखे ।
कुदरत के हर रंग अनोखे।
© Ajit Narayan Sharma