...

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नई गजल सुनाने चले।
यूं तो है तमाम बिखरा हुआ,
इश्क जो हम जरा उठाने चले।

नादानी में जरा हवा कर दी,
और बची चिंगारी भी बुझाने चले।

जो कभी हमसे सहा न गया,
दर्द वो दुनिया को हम बताने चले।

एक...