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आशा के नए पंख : सकारात्मकता ( जीवन का ध्येय )
जीवन एक रंगमंच है जहाँ सुख और दुख किसी नाटक के पात्र हैं। जीवन की
रागिनी कभी हर्ष के झंकार सें गुंजित होती है तो कभी निराशा के स्वरों में डूब
जाती है। कभी खुशियों की तालियाँ गूंजती हैं तो कभी दुखों के स्वर गूंजते हैं।
जीवनरूपी नाटक में एक अनघड़ पात्र भी है - सकारात्मकता (Positivity)
जिसकी आवश्यकता अक्सर हमें दुख़ों में होती है।
मित्रों सकारात्मकता न कोई जादू है न हीं चमत्कार। यह अनमोल रत्न तो
हमारें विचारों में निहीत होता है बस इसे पहचानने एवं परखने की आवश्यकता है।
सकारात्मकता चंदन की धूप के समान है जो हमारे मन-मस्तिष्क , देह-काया
के कण कण में समाकर हमारे जीवन को महका देती है। यह वसंत की पहली
फुहार है जो निराशा के पुराने पत्तों को धोकर आशा के नए पत्तों को जन्म देती
है।
मित्रों सोचिए जीवन कितना नीरस होगा गर जीवन में चुनौती ही न हों। ये
चुनौतियाँ ही तो हमें कुछ नया सिखाती हैं । कठिनाईयां तो जीवन काव्य
का एक स्वर हैं जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। किन्तु इन
चुनौतियों से पार वो ही जा पाते हैं जो उस क्षण सकारात्मक होतें हैं।

✍जिंदगी में जख्म ही ना हो तो जिंदगी का क्या मजा
गर जिंदगी बीती है चैन से तो जिंदगानी भी है इक सजा✍

साथियों चुनौतियाँ हमें नींद से जगाती हैं और सकारात्मकता उस क्षण होने
वाली निराशा की जंजीरों को तोड़कर आशा के नए पंख देती है जो कुछ कर
गुजरने की प्रेरणा देती है। सकारात्मकता ही तो है जो असंभव को संभव बना
सकती है, निर्बल को सबल बना सकती है।
सोचिए, क्या कभी निराश व्यक्ति को लक्ष्य की प्राप्ति हुई है ? नहीं , हमारी हर
उपलब्धि, हर सफलता , हर प्रसन्नता हमारी सकारात्मक सोच का ही परिणाम है ।
आखिर वही शख्स पहाड़ों से बातें करता है जो उन ऊँचाईयों को छूऩे का
हौंसला रखता है ।
इतिहास सृजन वे नहीं करते हैं जो हार जाते हैं , इतिहास तो वे रचते हैं जो
सकारात्मकता की पताका को हमेशा ऊँचा उठाए रखते हैं।
साथिय़ों सकारात्मकता केवल अपने लिए नहीं , अपनों के लिए भी जरूरी है।
यदि जीवन में सुख और दुख दोनों समान मात्रा में हैं तथा हमारे विचारों में
सकारात्मकता है तो निश्चित ही सुख का पलड़ा स्वतः भारी हो जाएगा।
अतः साथियों अपने विचारों को सदैव सकारात्मक रखिए अपने जीवन में
सकारात्मकता लाइए और जब आप इस राह पर चलेंगे , तो देखेंगे कि जीवन
का हर पल सुगंध से भर जाता है , हर कठिनाई एक सीख बन जाती है , और
सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ना आसान हो जाता है।
तो आइए , अपने भीतर के इस अमृत कलश को उठाएँ और उसका अमृत
जीवन के पथ पर छिड़कें।

🌹🌹सकारात्मक रहें, खुश रहें, ✍🙏सदैव आगे बढ़ते रहें! 💫❤❤⭐


© Prakash ( प्रकाश YPS )
@prakash24