नारायण का रूप
जो मिले जिस रूप में, उसका भला करते चलो,
ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाएगा।
राहों में हर चेहरा है एक कहानी,
जो दिख रहा बाहर, वो अंदर की निशानी।
दिखे भिखारी या राजा की शान,
ना पहचान सकोगे नारायण का ज्ञान।
कभी बच्चे की मुस्कान में छुपा,
कभी बूढ़े की थकी आँखों का दर्पण बना।
हर रूप में ईश्वर है, ये समझ लो,
जो मिले उसकी सेवा में जुट लो।
जो मिले जिस रूप में, उसका भला करते चलो,
ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाएगा।
हर पल में, हर क्षण में, उसका नाम गुनगुनाओ,
ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाएगा।
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ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाएगा।
राहों में हर चेहरा है एक कहानी,
जो दिख रहा बाहर, वो अंदर की निशानी।
दिखे भिखारी या राजा की शान,
ना पहचान सकोगे नारायण का ज्ञान।
कभी बच्चे की मुस्कान में छुपा,
कभी बूढ़े की थकी आँखों का दर्पण बना।
हर रूप में ईश्वर है, ये समझ लो,
जो मिले उसकी सेवा में जुट लो।
जो मिले जिस रूप में, उसका भला करते चलो,
ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाएगा।
हर पल में, हर क्षण में, उसका नाम गुनगुनाओ,
ना जाने किस रूप में, नारायण मिल जाएगा।
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