" हर वक्त याद था " 💞
✍️✍️#ChildrensDay
वह मासूमियत का दौर भी कुछ और था
अपनों से भरा हुआ मेरा संसार था.. 💞
मेरी किलकारियों से,घर का हर कोना गुलजार था
हर नादान हंगामे में,मेरा पूरा परिवार मेरे साथ था..💞
मेरा दौड़ते हुए धड़ाम से गिर जाना
इधर उधर नजर घुमा कर चुपके से खड़ा हो जाना.. 💞
पहली बार मां..! मां ..!कहना,उस पगली को हर वक्त याद था
मेरे पैर में कांटा चुभ जाना,कांटे को देख मेरे पापा का मेरे लिए जूते लाना याद था..💞
दिल जोर से धड़क जाना फिर आकर मुझे छपियां पाना उसे याद था
मेरी मां को मेरे कान के पीछे काला टीका लगाना याद था...💞
shalini saklani ✍️
© Shalini Saklani ✍️ shaivali
वह मासूमियत का दौर भी कुछ और था
अपनों से भरा हुआ मेरा संसार था.. 💞
मेरी किलकारियों से,घर का हर कोना गुलजार था
हर नादान हंगामे में,मेरा पूरा परिवार मेरे साथ था..💞
मेरा दौड़ते हुए धड़ाम से गिर जाना
इधर उधर नजर घुमा कर चुपके से खड़ा हो जाना.. 💞
पहली बार मां..! मां ..!कहना,उस पगली को हर वक्त याद था
मेरे पैर में कांटा चुभ जाना,कांटे को देख मेरे पापा का मेरे लिए जूते लाना याद था..💞
दिल जोर से धड़क जाना फिर आकर मुझे छपियां पाना उसे याद था
मेरी मां को मेरे कान के पीछे काला टीका लगाना याद था...💞
shalini saklani ✍️
© Shalini Saklani ✍️ shaivali
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