...

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कुछ कहानियां ऐसी भी....
बचपन में हजार ख्वाहिशें बुन लीं
पर थोड़ी बड़ी हुईं तो पाबंदियों ने जकड़ लिया....

पढ़ाई ठीक से पूरी नहीं हुई
पर मां बाप के कहने पर अपनी सारी इच्छाओं को मार लिया।
अभी जिम्मदार इतनी नहीं हुईं
फिर भी दूसरे घर के तौर-तरीकों के मुताबिक़ खुद को ढाल लिया।

तो लड़कियों सपने तो तुम्हारे भी होते हैं न
क्या उन्हे टूटता देख दर्द नहीं होता.??


Thank you for reading
©~Rimjhim