...

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विश्वास
प्रेम को समझने के लिए दिल चाहिए!
दिल को समझने के लिए धैर्य चाहिए।
धैर्य को जानने का आधार है विश्वास!
विश्वास के लिए प्रेम का सार चाहिए।

दिल से ही प्रेम का दीप जले!
जहाँ विश्वास की ठंडी हवा चले।
धैर्य से बनते हैं रिश्तों के पुल!
फिर प्रेम के खिलते हैं सुंदर फ़ूल।

विश्वास का अंकुर प्रेम से फूटे!
धैर्य की छाया में जो झूम-झूले।
जब रिश्ता...