...

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भोर
#DawningVerse

जब भी देखा, अलग सा लगा ,
उस प्रक्रिया में, क्या खास था !

रुक जाता समय भी, उसे देखने को ,
सुन्दर वो इतना जो लग रहा था !

बिखेरी थी जो अब तक रोशनी भी ,
समेटता वो उसको, कहिं चल पड़ा था !

अब समय हो चला था,
देरी का तो उसको पता कुछ नहीं था !

कब फिर दिन गुजरेगा कब शाम होगी ,
आंखों को तो बस इन्तेज़ार उसका था !!!

© @mrinalini_rana