...

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तुम में और बारिश ...
जब तुम में और बारिश मिलती है,
फिर जीवन की रेखाएँ भी नयी बन जाती हैं।
बूंद-बूंद से भिगी धरती की गोदी में,
हमारी ख्वाबों की खुशियाँ बिखर जाती हैं।

तुम में और बारिश की रिमझिम,
जैसे किसी अद्भुत कविता की शब्दावली।
वो बारिश की बूंदें, जो तुम्हारे बालों में झूलती हैं,
मेरे दिल की तारों को भी गुनगुनाती हैं।

तुम में और बारिश की खुशबू,
जैसे गुलाब की खिली हुई खुशबू।...