फिर मिलूँगा...
टूटे हुए ख्वाबों की निशानी में मिलूँगा,
मैं लफ्ज़ बनकर किसी कहानी में मिलूँगा,,,
जब भी कहीं ...
मैं लफ्ज़ बनकर किसी कहानी में मिलूँगा,,,
जब भी कहीं ...